Latest Movie :
Home » , » धोबन और उसका बेटा-PART2 OF THE STORY

धोबन और उसका बेटा-PART2 OF THE STORY

{[['']]}
Indian Sex Stories|Hindi sexy stories|Marathi sexyStories|Erotic stories | Kamdhund katha|sambhog katha|sex katha| Chodan|Hindi Sex Stories

धोबन और उसका बेटा-PART2 OF THE STORY

"ओह मा, लंड में दर्द हो रहा है". मा उठ कर बैठ गई और मेरी तरफ देखते हुई बोली "देखु तो कहा दर्द है" मैने लंड दिखाते हुए कहा "देखो ना जैसे ही चूत में घुशाया था वैसे ही दर्द करने लगा" मा खुच्छ देर तक देखती रही फिर हस्ने लगी और बोली "साले अनारी चुड़दकर, चला है मा को छोड़ने, आबे अभी तक तो तेरे सुपरे की चमरी ढंग से उलटी ही ऩही है तो दर्द ऩही होगा तो और क्या होगा, चला है मा को छोड़ने, चल कोई बात ऩही मुझे इस बात का ध्यान रखना चाहिए था, मेरी ग़लती है, मैने सोच तूने खूब मूठ मारी होगी तो चमरी अपने आप उलटने लगी होगी मगर तेरे इस गुलाबी सुपरे की शकल देख के ही मुझे समझ जाना चाहिए था की तूने तो अभी तक ढंग से मूठ भी ऩही मारी, चल नीचे लेट अब मुझे ही कुच्छ करना परेगा लगता है". मैने तो अब तक यही सुना था की लरका लर्की के उपर चाड के छोड़ता है मगर जब मा ने मुझे नीचे लेटने के लिए कहा तो मैं सोच में पर गया और मा से पुच्छ "नीचे क्यों लेटना है मा, क्या अब चुदाई ऩही होगी". मुझे लग रहा था की मा फिर से मेरा मूठ मार देगी. मा ने हस्ते हुए कहा "ऩही बे ****इए चुदाई तो होगी ही, जितनी तुझे छोड़ने की आग लगी है मुझे भी चुड़वाने की उतनी ही आग लगी है, चुदाई तो होगी ही, तुझे तो अभी रात भर मेरी बुर का बजा बजाना है मेरे राजा, तू नीचे लेट अब उल्टी तरफ से चुदाई होगी.
"उल्टी तरफ से चुदाई होगी, इसका क्या मतलब है मा"
"इसका मतलब है मैं तेरे उपर चाड के खुद से चड़वौनगी, कैसे चड़वौनगी? ये तो तू खुद ही थोरी देर के बाद देख लियो मगर, फिलहाल तू नीचे लेट और अपना लंड खरा कर के रख फिर देख मैं कैसे तुझे मज़ा देती हू"
मैं नीचे लेट तो गया पर अब भी मैं सोच रहा था की मा कैसे करेगी. मा ने जब मेरे चेहरे पर हिचकिचाहट के भाव देखे तो वो मेरे गाल पर एक प्यार भरा तमाचा लगते हुए बोली "सोच क्या रहा है मधर्चोड़ अभी चुप चाप तमाशा देख फिर बताना की कैसा मज़ा आता है" कह कर मा ने मेरे कमर के दोनो तरफ अपनी दोनो टाँगे कर दी और अपनी बुर को ठीक मेरे लौरे के सामने ला कर मेरे लंड को एक हाथ से पकरा और सुपरे को सीधा अपनी चूत के गुलाबी मुँह पर लगा दिया. सुपरे को बुर के गुलाबी मुँह पर लगा कर वो मेरे लंड को अपने हाथो से आगे पिच्चे कर के अपनी बुर के दरार पर रगर्ने लगी. उसकी चूत से निकला हुआ पानी मेरे सुपरे पर लग रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी साँसे उस अगले पल के इंतेज़ार में रुकी हुई थी जब मेरा लंड उसके चूत में घुसता. मैं डम साढ़े इंतेज़ार कर रहा था तभी मा ने अपने चूत के फाँक को एक हाथ से फैलाया और मेरे लंड के सुपरे को सीधा बुर के गुलाबी मुँह पर लगा कर उपर से हल्का सा ज़ोर लगाया. मेरे लंड का सुपरा उसके चूत के फांको बीच समा गया. फिर मा ने मेरे च्चती पर अपने हाथो को जमाया और उपर से एक हल्का सा धक्का दिया मेरे लंड का थोरा सा और भाग उसकी चूत में समा गया. उसके बाद मा स्थिर हो गई और इतने से ही लंड को अपनी बुर में घुसा कर आगे पिच्चे करने लगी. थोरी देर तक ऐसा करने के बाद उसने फिर से एक धक्का मारा, इस बार धक्का थोरा ज़यादा ही जोरदार था और मेरे लंड का लग भाग आधा से अधिक भाग उसकी चूत में समा गया. मेरे मुँह से एक ज़ोर डर चीख निकल गई. क्यों की मेरे लंड के सुपरे की चमरी एक डम से पिच्चे उलट गई थी. पर मा ने इस र कोई ध्यान ऩही दिया और उतने ही लंड पर आगे पिच्चे करते हुए धक्का मरते हुए बोली "बेटा चुदाई कोई आसान काम ऩही है, लर्की भी जब पहली बार चुड्ती है तो उसको भी दर्द होता है, और उसका दर्द तो तेरे दर्द के सामने कुच्छ भी ऩही है, जैसे उसके बुर की सील टूटती है वैसे ही तेरे लंड की भी आज सील टूटी है, थोरी देर तक आराम से लेता रह फिर देख तुझे कैसा मज़ा आता है". मा अब उतने लंड को ही बुर में ले कर धीरे धीरे धक्के लगा रही थी. वो अपने गांद को उच्छल उच्छल के धक्के पर धक्का मारे जा रही थी. थोरी देर में ही मेरा दर्द कम हो गया और मुझे गीले पं का अहसास होने लगा. मा की चूत ने पानी छ्होरना शुरू कर दिया था और उसकी बुर से निकलते पानी के कारण मेरे लंड का घुसना और निकलना भी आसान हो गया था. मा अब और ज़ोर ज़ोर से अपनी गांद उच्छल उच्छल के धक्के लगा रही थी और मेरे लौरे का ज़यादा से ज़यादा भाग उसके चूत के अंदर घुसता जा रहा था. मा ने इस बार एक ज़ोर दार धक्का मारा और मेरे लंड का जायदातर भाग अपनी चूत में च्छूपा लिया और सिसकरते हुए बोली "सस्स्स्स्स्सिईईईईई है दैयया, कितना टगरा लॉरा है जैसे की गरम लोहे का रोड हो, एक डम सीधा बुर के दीवारो को रगर मार रहा है, मेरे जैसी चूड़ी हुई औरत के बुर में जब ये इतना कसा हुआ है तो जवान लौंदीयों की चूत फर के रख देगा, मज़ा आ गया, ले साले और घुसा लॉरा और घुसा" कह कर तेज़ी से तीन चार धक्के मार दिए. मा के द्वारा तेज़ी से लगाए गये इन धक्को से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. मा ने सिसकरते हुए धक्के लगाना जारी रखा और अपने एक हाथ को लौरे के जर के पास ले जाकर देखने लगी की पूरा लंड अंदर गया है की ऩही. जब उसने देखा की पूरा का पूरा लॉरा उसकी बुर में घुस चुका है तब उसने अपनी ****अरो को उच्छलते हुए एक तेज धक्का मारा और मेरे होंठो का चुम्मा ले कर बोली "कैसा लग रहा है बेटा, अब तो दर्द ऩही हो रहा है ना"
"ऩही मा अब दर्द ऩही हो रहा है, देखो ना मेरा पूरा लॉरा तुम्हारे बुर के अंदर चला गया है"
"हा बेटा अब दर्द ऩही होगा अब तो बस मज़ा ही मज़ा है, मेरे बुर के पानी के गीले पं से तेरी चमरी उलटने में आब आसानी हो रही है इसलिए तुझे अब दर्द ऩही हो रहा होगा, बल्कि मज़ा आ रहा होगा, क्यों बेटा बोल ना मज़ा आ रहा है या ऩही अपनी मा के बुर में लॉरा पेल के, अब तो तुझे पाता चल रहा होगा की चुदाई क्या होती है बएटााआआआ, ले मज़े चुदाई का और बता की तुझे कैसा लग रहा है मा की चूत में लॉरा धसने में"
"है मा, सच में गजब का मज़ा आ रहा है, ओह मा तुम्हारी चूत कितनी कसी हुई है मेरा लॉरा तो इसमे बरी मुस्किल से घुसा है जबकि मैने सुना था की शादी शुदा औरतो की चूत ढीली हो जाती है"
"बेटा ये तेरी मा की चूत है, ये ढीली होने वाली चूत ऩही है" कह कर मा ने लंड को पूरे सुपरे तक खींच कर बाहर निकाला और फिर उपर से गांद का ज़ोर लगा के एक ज़ोर दार शॉट मार का पूरा लंड एक ही बार में गपक से अपनी बुर के अंदर लील लिया.
मा अब तेज तेज शॉट लगा के पूरा का पूरा लंड अपनी बुर में एक ही बार में गपक से लील लेती थी. उसने मेरा उत्साह बढ़ते हुए कहा " आबे साले नीचे क्या औरतो की तरह से परे रह कर चुड़वा रहा है अपना गांद उच्छल उच्छल के तू भी धक्का मार साले मदारचोड, चोद अपनी मा को, ऐसे परे रहने से थोरे ही मज़ा आएगा, देख मेरी चूत कैसे तेरे सारे लौरे को एक ही बार में निगल रही है, तेरा लंड मेरी बुर के दीवारो को कुचालता हुआ कैसे मेरी बुर के जर तक ठोकर मार रहा है, बहिँचोड़ तू भी नीचे से धक्का मार मेरे राजा और बता की कैसा लग रहा है मा की चुदाई करने में, मज़ा आ रहा है या ऩही मा की बुर छोड़ने में"
मैने भी नीचे से गांद उच्छल कर धक्का मारना शुरू कर दिया. और मा के ****अरो को अपने हथेलियों के बीच दबोच कर बोला "है मा, बहुत मज़ा आ रहा है, सच में इतना मज़ा तो जिंदगी में कभी ऩही आया, ओह तुम्हारी बुर में मेरा लॉरा एक डम कसा कसा जा रहा है और ऐसा लगता है जैसे की मैने किसी गरम भट्टी में अपने लौरे को डाल दिया है, ओह सस्स्स्स्स्स्स्सीईईई इओउुुऊउगगगगगगगगग ह कितना गरम है तेरी बुर मा,,,,,,,और ज़ोर से मारो धक्का और ले लो अपने बेटे का लंड अपनी बुर में ऊऊओह साली मज़ा आ गया" कह कर मैने अपनी एक उंगली को मा के गांद के दरार पर लगा कर उसको हल्का सा उसके गांद में डाल दिया.
मा कॅया जोश मेरी इस हरकत पर दुगुना हो गया और वो अपनी ****अरो को और तेज़ी के साथ उच्छलने लगी और बर्बाराने लगी "है मधर्चोड़, गांद में उंगली डालता है, बेटीचोड़ तेरी मा को चोदु, साले गन्दू ले, और ले मेरी बुर का धक्का अपने लौरे पर, टॉर दूँगी साले तेरा लॉरा गन्दू, बहँचोड़, ले सलीईईई, मुँह क्या देख रहा है, चुचि दबा साले मुँह में लेकर चूस और चुदाई का मज़ा ले, है कितने वर्षो के बाद ऐसी चुदाई का आनंद मिल रहा हाईईईईईईईईई ओह ऊऊऊऊऊओह ह,"
मैने मा के आदेश पर उसकी चुचियों को अपने हाथो में थाम लिया और उसकी एक चुचि को खींच कर उसके निपल से अपने मुँह को सता कर चूस्ते हुए दूसरी चुचि को खूब ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा. मा अब अपने गांद को पूरा उच्छल उच्छल कर मेरे लंड को अपनी गरम बुर में पेल्वा रही थी. उसकी चूत एक डम अंगीठी की तरह से गरम हो चुकी थी और खूब पानी चूर रही थी मेरा लंड उसकी चूत के पानी से भीग कर सता सात उसकी बुर के अंदर बाहर हो रहा था. मा के मुँह से गलियों की बौच्हर हो रही थी वो बोल रही थी "इसस्स्स्स्स्स्स्सीईए मधर्चोड़ चोद मेरी बुर को डम लगा के, है कितना मज़ा आ रहा है, तेरे बाप से अब कुच्छ ऩही होता रीई, अब तो तू ही मेरी चूत की आग को ठंडी करना,,,,,,, मैं तुझे चुदाई का शानशाह बना दूँगी,,,,,,, ,,तेरे उस भारुए मधचोड़ बाप को छुने भी ऩही दूँगी अपनी बुर, तू छोड़ियो मेरी बुर को और मेरी आग ठंडी करियो, कहा था रीईईई बहँचोड़ अब तक तू अब तक तो मैं तेरे लूआरे का कितना पानी पी चुकी होती चोद रे लौंदे चोद, अपनी गांद तक का ज़ोर लगा दे छोड़ने में आज, आज अगर तूने मुझे कुश कर दिया तो फिर मैं तेरी गुलाम हो जौंगी"
मैं मा की चुचियों को मसलते हुए अपनी गांद को नीचे से उच्छलता जा रहा था मेरा लंड उसकी कसी बुर में गॅप गप...फच फ़च की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. हम दोनो की साँसे तेज हो गई थी और कमरे में चुदाई की मादक आवाज़ गूँज रही थी. दोनो के बदन से पसीना छू रहा था और सांसो की गर्मी एक दूसरे के बदन को महका रही थी. मा अब सयद थक चुकी थी. उसके धक्के मरने की रफ़्तार अब थोरी धीमी हो गई थी और अब वो हफने भी लगी थी. थोरी देर तक हफ्ते हुए वो धक्का लगाती रही फिर अचानक से पस्त हो कर मेरे बदन के ुआप्र गिर गई और बोली "ओह मैं तो थक गई रीईई, इतने में आम तौर पर मेरा पानी तो निकल जाता है पर आज नये लंड के जोश में मेरा पानी भी ऩही निकल रहा, ओह मज़ा आ गया, आज से पहले ऐसी चुदाई कभी ऩही की, पर थक गई रीईई मैं तो, अब तो तुझे मेरे उपर चाड कर धक्का मारना होगा तभी चुदाई हो पाएगी साले" कह कर वो अपने पूरे शरीर का भर मेरे बदन पर दे कर लेट गई.
मेरी साँसे भी तेज चल रही थी मगर लंड अब भी खरा था. दिल में चुदाई की ललक बरकरार थी और अब तो मैने चुदाई भी सीख ली थी. मैने धीरे से मा के छुअतोर को पकर का नीचे से ही धक्का लगाने का प्रयास किया और दो तीन छ्होटे छ्होटे धक्के मारे मगर क्यों की मा थोरा थक गई थी इसलिए वो उसी तरह से लेती रही. मा के भारी शरीर के कारण मैं उतने ज़ोर के धक्के ऩही लगा पाया जितना लगा सकता था. मैने मा को बाँहो में भर लिया और उसके कान के पास अपने मुँह को ले जा कर फुसफुसते हुए बोला "ओह मा जल्दी कर नाआ, और धक्का मार ना, अब ऩही रहा जा रहा है,,,,,जल्दी से मारो ना मा". मा ने मेरे चेहरे को गौर से देखते हुए मेरे होंठो को चूम लिया और बोली "थोरा डम तो लेने दे साले, कितनी देर से तो चुदाई हो रही है, थकान तो होगी ही"
"पर मा मेरा तो लंड लगता है फट जाएगा, मेरा जी कर रहा है की खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगौ"
"तो मार ना, मैने कब माना किया है, आजा मेरे उपर चाड के खूब ज़ोर ज़ोर से चुदाई कर दे अपनी मा की, बजा दे बजा उसकी बुर का" कह कर मा धीरे से मेरे उपर से उतार गई. उसके उतरने पर मेरा लंड भी फिसल के उसकी चूत से बाहर निकल गया था मगा मा ने कुच्छ ऩही कहा और बगल में लेट कर अपनी दोनो जाँघो को फैला दिया. मेरा लंड एक डम रस से भीगा हुआ था और उसका सुपरा लाल रंग का किसी पाहरी आलू के जैसे लग रहा था. मैने अपने लंड को पकरा और सीधा अपनी मा के जाँघो के बीच चला गया. उसकी जाँघो के बीच बैठ कर मैं उसकी चूत को गौर से देखने लगा. उसकी चूत फूल पिचाक रही थी और चूत का मुँह अभी थोरा सा खुला हुआ लग रहा था, बुर का गुलाबी छेद अंदर से झाँक रहा था और पानी से भीगा हुआ महसूस हो रहा था. मैं कुच्छ देर तक अपलक उसके चूत की सुंदरता को निहारता रहा.
मा ने मुझे जब कुच्छ करने की बजाए केवल घूरते हुए देखा तो वो सिसकते हुए बोली "क्या कर रहा है, जल्दी से डाल ना चूत में लौरे को ऐसे खरे खरे खाली घूरता रहेगा क्या, कितना देखेगा बुर को, आबे उल्लूए देखने से ज़यादा मज़ा छोड़ने में है, जल्दी से अपना मूसल डाल दे मेरे चोदु भरतार, अब नाटक मत चोद" मा ने इतना कह कर मेरे लंड को अपने हाथो में पकर लिया और बोली "ठहर मैं लगाती हू साले" और मेरे लंड के सुपरे को बुर के खुले छेद पर घिसने लगी और बोली "बुर का पानी लग जाएगा और चिकना हो जाएगा स्मझा, फिर आराम से चला जाएगा" मैं मा के उपर झुक गया और अपने आप को पूरी तरह से तैय्यर कर लिया अपने जीवन की पहली चुदाई के लिए. मा ने मेरे लंड को चूत को छेद पर लगा कर स्थिर कर दिया और बोली "हा अब मारो धक्का और पेल दो चूत में" मैने अपनी ताक़त को समेटा और कस के एक ज़ोर डर धक्का लगा दिये मेरे लंड का सुपरा तो पहले से भीगा हुआ था इसलिए वो सतक से अंदर चला गया उसके साथ साथ मेरे लंड का आधा से अधिक भाग चूत की दीवारो को रगारता हुआ अंदर घुस गया. ये सब अचानक तो ऩही था मगर फिर भी मा ने सोचा ऩही था की मैं इतनी ज़ोर से धक्का लगा दूँगा इसलिए वो चौंक गई और उसके मुँह से एक घुटि घुटि सी चीख निकल गई. मगर मैने तभी दो तीन और ज़ोर के झटके लगा दिए और मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर घुस गया. पूरा लॉरा घुसा कर जैसे ही मैं इस्तिर हुआ मा के मुँह से गलियों की बौरच्छार निकल परी "सला, हरामी क्या स्मझ रखा है रे, कामीने, ऐसे कही धक्का मारा जाता है, सांड की तरह से घुसा दिया सीधा एक ही बार में मधर्चोड़, धीरे धीरे करना ऩही आता है तुझे, साले कामीने पूरी चूत च्चिल गई मेरी, बाप है की घुसना ही ऩही जनता और बेटा है की घुसता है तो ऐसे घुसता है जैसे की मेरी चूत फर ने के लिए घुसा रहा हो, हरामी कही का"
"माफ़ कर देना मा मगर मुझे ऩही पाता था की तुम्हे चोट लग जायआ, तू तो जानती है ना की ये मेरी पहली चुदाई है" कह कर मैने मा की दोनो चुचियों को अपने हाथो में थाम लिया और उन्हे दबाते हुए एक चुचि के निपल को चोसने लगा. कुच्छ देर तक ऐसे ही रहने के बाद सयद मा का दर्द कुच्छ कूम हो गया और वो भी अब नीचे से अपनी गंद उचकाने लगी और मेरे बालो में हाथ फेरते हुए मेरे सिर को चूमने लगी. मैने पूरी तरह से स्थिर था और चुचि को चोसने और दबाने में लगा हुआ था, मा ने कहा "है बेटा, अब धक्का लगाओ और चॉड्ना शुरू करो अब देर मत करो तेरी मा की पयासी बुर अब तेरे लौरे का पानी पीना चाहती है".
मैने दोनो चुचियों को थाम लिया और धीरे धीरे अपनी गांद उच्छलने लगा. मेरा लॉरा मा के पनियाए हुए चूत के अंदर से बाहर निकालता और फिर घुस जाता था. मा ने अब नीचे से अपने ****आर उच्छालना शुरू कर दिया था. डूस बारह झटके मरने के बाद ही बुर से गछ गछ,,,,फ़च फ़च की आवाज़े आनी शुरू हो गई थी. ये इस बात को बतला रहा था की उसकी चूत अब पानी छ्होर्ने लगी है और अब उसे भी मज़ा आना शुरू हो गया है. मा ने अपने पैरो को घुटनो के पास से मोर लिया था और अपनी टॅंगो की कैंची बना के मेरे कमर पर बाँध दिया था. मैं ज़ोर ज़ोर से धक्का मरते हुए उसके होंठो और गालो को चूमते हुए उसके चुचियों को दबा रहा था. मा की मुँह से सिसकारियों का दौर फिर से शुरू हो गया था और वो हफ्ते हुए बर्बाराने लगी "है मारो, और ज़ोर से मारो राजा, छोड़ो मेरी चूत को, चोद चोद के भोसरा बना दो बेटा, कैसा लग रहा है बेटा छोड़ने में मज़ा आ रहा है या ऩही, मेरी बुर कैसी लगा रही है तुझे बता ना राजा, अपनी मा की बुर चोदने में मज़ा आ रहा है या ऩही, पूरा जर तक लॉरा पेल के छोड़ो राजा और कस कस के धक्के मार के पक्के मादर्चोद बन जाओ, बता ना राजा बेटा कैसा लग रहा है मा की चूत में लॉरा डालने में"
मैने धक्का लगाते हुए कहा "है मा बहुत मज़ा आ रहा है, बहुत कसी हुई है तुम्हारी बुर तो, मेरा लंड तो एक दम फस फस के जा रहा है तेरी बुर में, ऐसा लग रहा है जैसे किसी बॉटल में लकारी का ढक्कन फसा रहा हू, है क्या सच में मेरा बापू तुझे चोद्ता ऩही था क्या, या फिर तुम उस को चोदने ऩही देती थी, तुम्हारी चूत इतनी कसी हुई कैसे है मा, जबकि मेरे दोस्त कहते थे की उमर के साथ औरतो की चूत ढीली हो जाती है, है तुम्हारी तो एक डम कसी हुई है". इस पर मा ने अपने पैरो का शिकंजा और कसते हुए दाँत पीसते हुए कहा "साला तेरा बाप तो गान्डू है, वो क्या खा के चोदेगा मुझे, उस गान्डू ने तो मुझे ना जाने कब से चोदना छ्होरा हुआ है, पर मैं किसी तरह से अपने चूत की खुजली को अंदर ही दबा लेती थी, क्या करती किस से चुड़वति, फिर जिसके पास चुड़वाने जाती वो कही मुझे संतुष्ट ऩही कर पाता तो क्या होता, बदनामी अलग से होती और मज़ा भी ऩही आता, तेरा हथियार जब देखा तो लग गया की तू ना केवल मुझे संतूश कर पाएगा बल्कि, तेरे से चुड़वाने से बदनामी भी ऩही होगी, और तू भी मेरी चूत का पायसा है फिर अपने बेटे से चुड़वाने का मज़ा ही कुच्छ और है, जॉब सोच के इतना मज़ा आ रहा था तो मैने सोचा की क्यों ना चोदवा के देख लिया जाए"

"है मा तो फिर कैसा लग रहा है अपने बेटे से चुड़वाने में, मज़ा आ रहा है ना, मेरा लॉरा अपने चूत में ले के, बोलो ना बुर मारनी, साली मेरा लॉरा तुझे मज़ा दे रहा है या ऩही"
"है गजब का मज़ा आ रहा है राजा, तेरा लॉरा तो मेरी चूत के जर तक टकरा रहा है और मेरी चूत के दीवारो को मसल रहा है और मेरी नाभि तक पहुच जा रहा है, तू बहुत सुख दे रहा है अपनी मा को मार कस के मार धक्का बेटीचोड़, चोदु राम हलवाई, चोद ले अपनी मैया के चूत को और इसको दो फाँक कर दे मधर्चोड़"
"है जब चुड़वाने में इतना मज़ा आ रहा है और छोड़वाने का इतना मन था तो फिर सोते वाक़ूत इतना नाटक क्यों कर रही थी, जब मैं तुझे नंगा हो कर दिखाने को बोल रहा था"
"है रे मेरे भोलू राम, इतना भी ऩही समझता क्या, इसको कहते है नखरा, औरते दो तरह का छिनाल पं दिखा सकती है या तो सीधा तेरा लंड पकर के कहती की चोद मुझे या फिर धीरे धीरे तुझे तरपा तरपा के एक एक चीज़ दिखती और तब तरपा तरपा के चुदवाति, मुझे सीधे चुदाई में मज़ा ऩही आता, मैं तो खूब खेल खेल के चुदवाना चाहती थी, चक्की जितनी धीरे चलती है उतना ही महीन पीसती है साले, इसलिए मैने थोरा सा च्चिनाल पं दिखया था, समझा अब बाते चोदना बंद कर और लगा ज़ोर ज़ोर से धक्का और चोद मेरी बुर को मधर्चूऊऊऊद्दद ड्ड, तेरी मा की छूततततत्त में डंडा डालु बहन्चोद माररर्ररर ज़ोर से और बक्चोदि बंद कर"
"ठीक मेरी च्चिनाल मा अब तो मैं भी पूरा सिख गया हू, देख अब मैं कैसे चोदता हू तेरी इस मसतनी चूत को और कितना मज़ा देता हू तुझे, देख साली बुरचोदि फिर ना बोलना की बेटे ने ठीक से चोदा ऩही, रंडी जितना तूने मुझे सिखाया है मैं उस से कही ज़यादा मज़ा दूँगा तुझे,,,,,,, ,,साली मधर्चोड़"
मैं अब पूरे जोश के साथ धक्का मरने लगा था और मेरा पूरा लंड सुपरे तक निकल कर बाहर आ जा रहा था, फिर सीधा सरसरते हुए गचक से अंदर मा की चूत की गहराइयों में समा जा रहा था. लंड की चमरी तो अब सयद पूरी तरह से उलट चुकी थी, और चुदाई में अब कोई दिक्कत ऩही आ रही थी. मा की चूत एक डम से गरम भट्टी की तरह ताप रही थी और मेरे लंड को सता सात लील रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत की सैर कर रहा हू. मेरी गांद पर मा का हाथ था और वो उपर से दबाते हुए मुझे अपनी चूत पर दबा रही थी और साथ में नीचे गांद उच्छल कर मेरे लौरे को अपनी चूत में ले रही थी. बर के होंठो को मसलते हुए मेरा लंड सीधा बुर की जर से टकराता था और फिर उतनी ही तेज गति से बाहर आ कर फिर घुस जाता था. कमरे का माहौल फिर से गरम हो गया था और वातावरण में चुदाई की महक फैल गई थी. पूरे कमरे में गछ गछ फ़च फ़च की आवाज़ गूँज रही थी. हम दोनो की साँसे धोकनि की तरह से चल रही थी. दोनो के बदन से निकलता पसीना एक दूसरे को भिगो रहा था मगर, इसकी फिकर किसे थी.
मा नि अपने तेज चलती सांसो के बीच से बर्बरते हुए मेरा उस्टस बढ़ाया "ओह ओहस्सस्स्स्स्स्स्स्सिईईईई, चोदो और ज़ोर से पेलो अपना डंडा, घुमा घुमा के डालो राजा, सस्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईई अब तो बस अपने रस से बुझा दे मेरी चूत के पायस को, चोद दे मुझे मधर्चोड़, साले मेरे सैया, ऐसे ही धक्का मारे जा, ऐसे ही चोद कर मुझे ठंडा कर दे, तेरे डंडे से ही ठंडी होगी तेरी मा, पँखे से ठंडे होनी वाली ऩही हू मैं, तेरी मा को तो तेरा मोटा मुसलांड चाहिए जो की उसकी बुर को दो फाँक कर के उसकी चूत के अंदर की ज्वाला को ठंडा कर दे, मार साले बहँचोड़, तेरी बहन के गांद में लंड डालु, ज़ोर से मार ना, बेटीचोड़, गन्दू, है रे आज से तू ही मेरा भरतार है तू ही मेरा सैय्या और तू ही मेरा चोदु है"
"है, ले साली बुरछोड़ी और ले, और ले मेरे लंड को अपनी मस्तानी चूत में, ले ना च्चिनाल खा जा मेरे लौरे को अपनी बुर से, पूरा लंड खा जा साली बेताचोड़ी मा, है रे मेरी चुड़दकर मैया, कहा से सिकहा है तूने इँटना मज़ा देना, ओह मेरा तो जानम सफल हो गया रीईईई हाईईईईईईई साली और ले मधर्चोद्द्द्द्द्द्दद्ड"
"दे और कस कस के दे बेटा, इसी लंड के लिए तो मैं इतनी पयासी थी, ऐसे ही लंड से चुड़वाने की चाहत को पाले हुए थी मैं मन में ना जाने कब से, आज मेरी तम्माना पूरी हो गई, आने दे तेरे उस भारुए बाप को अगर कभी हाथ भी लगाया मेरे इस बदन को तो साले के गांद पर च्चर लात मार कर घर से निकल दूँगी, सला मधर्चोड़ वो क्या जानेगा चॉड्ना, अभी यहा होता तो दिखती की चॉड्ना किसको कहते है, तू लगा रह बेटा चोद के मेरी **** को मत दे और इसमे से अपने लिए मक्खन निकल ले, मेरे चुड़दकर बलम"
अब तो बस आँधी आए या तूफान कोई भी ह्यूम ऩही रोक सकता था हम दोनो अब अपने चरम पर पहुच चुके थे और चुदाई की रफ़्तार में कोई कमी ऩही चाहते थे. चाहते थे तो बस इतना की कैसे भी एक दूसरे के बदन में समा जाए और मार मार के चोद चोद के एक दूसरे के लंड और चूत का भुर्ता बना दे. मा की सिसकारिया तेज हो गई थी और अब दोनो में से कोई भी एक दूसरे को छ्होर्ने वाला ऩही था दोनो, जी जान से एक दूसरे से चिपके हुए धक्के धक्के पर धक्का लगाए जा रहे थे मैं ुअपर से और मा नीचे से.

मा सिसकते हुए बोली "है राजा ऐसे ही मेरा निकलने वाला है, मरता रह धक्का धीरे मत करियो, ऐसे ही मधर्चोड़ अब निकल जाएगा मेरा, सस्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईई ऊऊऊऊउगगगगगगगगगग ग बेटीचोड़ मारे जा माआ सस्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईई मधर्चूऊऊऊऊओ ऊओद्दद्ड, निकल जाएगाआआआआआअ, सलीईईई, मेरा निकल रहा हाईईईईईईईईई मधर्चोड़,, ,,,,,,,, चोद कस के और ज़ोर ज़ोर से माआआआआअरर्र्र्ररर र्र, गंद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्डुऊऊउ अयू, छोद्द्द्द्द्द्द्दद्ड डाआाआल मिटा दे खुज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्जलीइीईई ईई, चोद, चोद ज़ोर ज़ोर सीईईईईई, तेरी मा के बुर में गढ़े का लॉरा डालुउउुुुुुुुुउउ चोद ना साले और मारीईईई जा, निकलाआआआआआअ रे मेरा तो निकलाआाआ, झारी रीईईई मैं तो झरीईईईईईईई कह कर मेरे मेरे कंधो पर अपने दाँत गर्अ दिए.

मेरा भी अब निकलने वाला था और मैं भी ज़ोर ज़ोर से धकका लगते हुए छोड़ने लगा और गालिया बकते हुए झरने लगा "ओह साली मेरा भी निकल रहा है रीईईई, मधर्चोद्द्द्द्द्द्द्दद्ड द, निकल रहा है मेरााआआआआअ, ओह रंडी, छीनाल साली, तूने तो आज जन्नत की सैर कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रररा आआआआआअ डीईईईईईई रे, ओह माआआआअ, गया मैं तो, ओह चुड़ैल सलिइीईईईई तेरी बुर में मेरा पानी निकल रहा है रीईईईईई लीईईई पे ले अपनी चूत से मेरे लौरे के पानी को पे ले और निगल ज़ाआाआआआआ मेरे लौरे को पूरा का पूरा बुर मारनी बुरछोड़ी"''' ''....... ......... ... है रे रंडी निकल गया रे मेरा तो पूरााआआआआआ" कह कर मैं मा के उपर लेट गया. हम दोनो की आँखे बंद थी और दोनो एक दूसरे बदन से चिपके हुए थे. थकान के मारे दोनो में से किसी को होश ऩही था की कया हो गया है.
एक दूसरे से चिपके हुए कब आँख लगी कब मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल गया कब हम दोनो सो गये इसका पाता हमे ऩही लगा.
फिर हम दोनों आज तक जम के चुदाई करते हैं. अब तो बापू के सामने भी माँ मेरे से अपनी चूत मवाने में नहीं हिचकिचाती. बापू ने भी माँ को यही सोच कर छुट दे दी है कि जब उसने अपने बेटे को पैदा किया है तो उस से अपनी प्यास शांत करती है तो इसमें बुरा ही क्या है ?


The End
Share this article :

Post a Comment

Followers

loading...
 
Support : marathi desi sexy forum | Sex Story in Marathi Font | Marathi Sex Stories
Copyright © 2011. Marathi Hot Models - Mobile Marathi Sex Katha
Marathi Hot Incest Kahania Indian Sex Videos Published by Punjabi Sex Stories
Marathi Sex Story in EnglishIndian Sex Stories